तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! एक दिन कोई तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! ...
मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है। मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है।
जगजननी माभवानी लोगवा कहेला हो जगजननी माभवानी लोगवा कहेला हो
तब ना पूछो होता है हाल क्या, ऐसे समय में, जन भड़कने लगता है ऐसे समय में। तब ना पूछो होता है हाल क्या, ऐसे समय में, जन भड़कने लगता है ऐसे समय में।
समृद्ध करे देश को, देशवासी मिले काम। समृद्ध करे देश को, देशवासी मिले काम।
पचासी पैसे खाने वाले बिचौलिए हटा दें, जागृत हो अब सकल समाज। पचासी पैसे खाने वाले बिचौलिए हटा दें, जागृत हो अब सकल समाज।